Mobile Addiction In Children : मोबाइल की लत से बढ़ रही बच्चों की बीमारी, जानिए कौन सी होती है बीमारी और क्या है उपचार
Mobile Addiction : आज के समय में मोबाइल जहां लोगों की आदत बन चुका है वहीं इसके कई नुकसान भी हैं। विशेष रूप से बच्चों में बढ़ती मोबाइल की लत उनके लिए किसी समस्या से कम नहीं है। स्थिति यह है कि आज के समय में 4 से 6 साल तक के बच्चों को मोबाइल की लत लग चुकी है। बच्चों में बढ़ रही मोबाइल की लत (Mobile Addiction In Children) का परिणाम यह है कि बच्चों को कई तरह की शारीरिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
मोबाइल के अधिक और लंबे समय तक इस्तेमाल करने से बच्चों की मांसपेशियां कमजोर हो रही है। मांसपेशियों के कमजोर होने से बच्चों की परेशानी इतनी अधिक बढ़ जाती है कि बच्चों को चिकित्सकीय उपचार की जरूरत पड़ जाती है। इस लेख के माध्यम से हम आपको बच्चों में मोबाइल की लत से होने वाली परेशानियों और उसके उपचार के बारे में बताएंगे।
गर्दन में बना रहता है दर्द

Mobile Addiction Problem : मोबाइल के अधिक इस्तेमाल (Mobile Addiction In Children) के कारण बच्चों की मांसपेशियों में खिंचाव और दर्द की समस्या बनी रहती है। सबसे अधिक गर्दन और पींठ में दर्द की समस्या रहती है। यही कारण है कि शहर में फिजियोथेरेपिस्ट चिकित्सको के यहां ऐसे बच्चों की संख्या काफी तेजी के साथ बढ़ी है जिनकी मांसपेशियां मोबाइल की लत के कारण कमजोर हो गई है। इसमें होता यह है कि एक ही पोजीशन में बैठे रहने से कंधे और गर्दन में तनाव आ जाता है। इस तनाव का कारण मोबाइल होता है।
आंखो की रोशनी
Eye Problem : मोबाइल देखने वाले बच्चो (Mobile Addiction In Children) मे आंखो की प्राब्लम सबसे अधिक देखने को मिलती है। ऐसे बच्चों की आंखो में जलन, दर्द या आंखो में पानी आने की समस्या देखने को मिलती है। कई बार समस्या अधिक बढ़ जाने पर बच्चों को छोटी ही उम्र में चश्मा लग जाता है।
बढ़ता है मोटापा
Obesity Increase Due To Mobile : जिन बच्चों में मोबाइल देखने की लत (Mobile Addiction In Children) होती है वे कई घंटो तक लगातार एक ही जगह में बैठ कर अपना समय बिता देते हैं। ऐसा करने वाले बच्चों में आलस्य की समस्या देखने को मिलती है। आलस के कारण वे फिजिकल रूप से एक्टिव नहीं रहते और आलस के साथ ही मोटापा भी बढ़ने लगता है।
गुस्सा और चिड़चिड़ापन

बच्चों में मोबाइल देखने की लत (Mobile Addiction In Children) इतनी अधिक होती है कि उनमें गुस्सा और चिड़चिड़ापन की समस्या बहुत अधिक देखने को मिलता है। अगर बच्चों को मोबाइल देखने से मना किया जाय तो वे एग्रेसिव हो जाते हैं। ऐसे बच्चों में एकाग्रता की कमी भी देखने को मिलती है।
मनोवैज्ञानिक उपचार
Psychological Treatment : इसमें होता यह है कि बच्चों को संज्ञानात्मक तरीके से इस मोबाइल की लत और इसके अधिक उपयोग से होने वाली समस्याओं के बारे में बच्चों को बताया जाता है। कई बार यह उपचार काफी कारगर होता है। इसमें कई बार बच्चों को ऐसे उदाहरण भी दिखाए जाते हैं जिससे बच्चों को मोबाइल के नुकसान के बारे में पता चल सके।
फिजिकल एक्टिविटी
Physical Activity : इसमें बच्चों को मोबाइल की अपेक्षा फिजिकल एक्टिविटी के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। बच्चों को आउटडोर गेम के लिए भेजे। इस दौरान ऐसा माहौल बनाए कि बच्चे फिजिकल एक्टिविटी के लिए सकिय रहे।