back pain reason and treatment : कमर दर्द के कारण उठना-बैठना हुआ मुश्किल, जानिए क्या है कारण और इसका ईलाज

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back pain reason and treatment : कमर दर्द के कारण उठना-बैठना हुआ मुश्किल, जानिए क्या है कारण और इसका ईलाज

back pain reason and treatment : कमर दर्द के कारण उठना-बैठना हुआ मुश्किल, जानिए क्या है कारण और इसका ईलाज

आज के समय में कमर दर्द की समस्या आम होती जा रही है। महिलाएं हो या पुरूष हर आयु वर्ग को यह समस्या देखने को मिल रही है। दो दशक पूर्व यह समस्या इतनी अधिक नहीं थी जितनी की आज देखने को मिल रही है। बढ़ती उम्र, कमजोर मांसपेशियां, अधिक वजन उठाना आदि कई ऐसे कारण है जिसके कारण लोगों में यह समस्या देखने को मिल रही है।

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ऐसा माना जाता है कि महिलाओं को कमर दर्द की समस्या अधिक देखने को मिलती है। लेकिन ऐसा नहीं है किसी को भी कमर दर्द की समस्या हो सकती है। मांसपेशियों में खिंचाव, विटामिन डी की कमी कमर दर्द में अहम भूमिका निभाता है। समय पर अगर कमर दर्द की समस्या को दूर करने का उपाय अगर न किया जाय तो यह समस्या जटिल हो सकती है। इस लेख के माध्यम से हम आपको कमर दर्द के कारणों और इसे दूर करने के बारे में बताएंगे।

दो स्तर में होता है कमर दर्द

type of back pain : कमर दर्द दो स्तरों में होता है। पहले स्तर को ग्रीन और दूसरे को रेड साइन कहा जाता है। ग्रीन साइन में होता यह है कि इसमें कमर दर्द को शारीरिक सक्रियता, सामान्य उपचार से ठीक किया जा सकता है। एक उम्र के बाद बोन्स के बढ़ने, बोन्स के कमजोर होने और खिंचाव जैसी समस्या देखने को मिलती है। रेड साइन की बात करें तो इसमें मरीज की स्थिति चिंताजनक होती है। इसमें ऑस्टियोपोरोसिस, आर्थराइटिस, साइटिका जैसी अन्य बीमारियां हो सकती है। इसमें सतर्कता बरतने की जरूरत होती है। कई बार दर्द के साथ बुखार, सूजन हो तो मरीज को लापरवाही नहीं करनी चाहिए। मेडिकल ट्रीटमेंट शुरू कर देना चाहिए।

क्यों होती है समस्या

reason of back pain : यहां यह समझना जरूरी है कि व्यक्ति का रीढ़ मांसपेशियों, लिगामेंट, डिस्क और अस्थियों पर टिका होता है। इसमें से किसी में भी अगर किसी प्रकार की समस्या हो तो कमर या पीठ दर्द की समस्या हो सकती है। नसों में खिंचाव, डिस्क का किसी कारण से क्षतिग्रस्त होना, चोंट, फ्रैक्चर, बोन्स के खिसकने, स्पाइनल, स्टोनोसिस, इनफेक्सन, डिस्क प्रोलैप्स से पीठ और कमर दर्द की समस्या होती है। ऑस्टियोपोरोसिस में बोन्स कमजोर होने लगती है। जिसके कारण बोन्स हल्की चोंट में भी टूटने लगता है। स्पाइन में संक्रमण, नसों का कमजोर होने के कारण भी कमर दर्द की समस्या देखने को मिलती है।

क्या है लक्षण

symptom of back pain : हांथ और पैर का सुन्न होना, पेशाब करते समय दर्द, कमर और गर्दन में दर्द, अचानक से वजन का गिरना, कमजोरी और थकान का महसूस होना, बुखार और सूजन की समस्या इस बीमारी के लक्षण है।

क्या है कमर दर्द का उपचार

treatment of back pain : योग और शारीरिक व्यायाम से कमर और पीठ दर्द का काफी हद तक ठीक किया जा सकता है। लेकिन इसे करने में सावधानी बरतनी भी जरूरी है। फिजिकल थेरेपी, मसाज, मसल्स रिलैक्सटेंट से कमर और पीठ दर्द ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा बैठने, सोने और खडे़ होने की मुद्रा को सही रखना, ऐसे खाद्य पदार्थां को अपने डाइट में शामिल करें जिसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन हो। इस सबके बाद भी अगर आराम नहीं मिले तो विशेषज्ञ चिकित्सक से मिल कर अपना उपचार शुरू करें।

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Declamer : हमारे लेखों में साझा की गई जानकारी केवल इंफॉमेंशनल उद्देश्यों से शेयर की जा रही है। इन्हें डॉक्टर की सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी बीमारीयां विशिष्ट हेल्थ कंडीशन के लिए स्पेशलिस्ट से परामर्श लेना अनिवार्य होना चाहिए। डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह के आधार पर ही इलाज की प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए।
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