good fruit for health – सावधान : बाजार में मौजूद हैं केमिकल वाले फल, जानिए कैसे करें इनकी पहचान
good fruit for health : बाजार में केमिकल वाले फलों की भरमार है। केमिकल युक्त फल या ऐसा कहें कि रसायन का प्रयोग कर जिन फलों को पकाया जाता है उन्हें केमिकल युक्त फल कहा जाता है। बाजार में आप जो चमकदार, दिखने में आकर्षक फल देख रहें होते हैं जरूरी नहीं है कि ये फल आपकी सेहत के लिए फायदेमंद ही साबित हों। ऐसे फल आपकी सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। एक वह फल होता है जो कि नेचुरल तरीके से पकाया जाता है और दूसरा वह फल होता है जिसमें केमिकल का उपयोग किया जाता है। केमिकल का उपयोग केवल फलों में नहीं किया जाता, बल्कि सब्जियों में भी इसका उपयोग जम कर किया जाता है। इसीलिए अगर आप चाहते हैं कि आप जो फल और सब्जियां खरीद रहे हैं वह आपको नुकसान न पहुंचाएं तो फल और सब्जियां खरीदने में सावधानी बरतें।
क्यों किया जाता है केमिकल का उपयोग
good fruit for health : आज कल फलों को पकाने में जिस केमिकल का उपयोग किया जाता है उसे कार्बाइड कहते हैं। कार्बाइड के उपयोग से फल बहुत ही कम समय में पक जाते हैं। आपने देखा होगा कि सीजन के पहले ही आम बाजार में बिकने लगते हैं। ऐसा होता कैसे है। क्योंकि अभी तो आम का सीजन ही नहीं है। इसमें होता यही है कि कार्बाइड का उपयोग कर आम को समय के पहले ही पका दिया जाता है। जब आप इस केमिकल से पकाए गए आम या अन्य फलों को खाएंगे तो आपको नुकसान ही होगा।
कार्बाइड के उपयोग पर है प्रतिबंध
good fruit for health : खाद्य सुरक्षा व मानक अधिनियम 2011 की धारा 2, 3, 5 के तहत फलों को पकाने में केमिकल के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कार्बाइड की मार्केटिंग, सेल, भंडारण आदि पर रोक लगाई गई है। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किए जाने का प्रावधान है। इस अधिनियम के अनुसार फलों को पकाने के लिए केमिकल का उपयोग नहीं किया जा सकता।
बनता है कैंसर का कारण
good fruit for health : भारतीय खाद्य सुरक्षा व मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) की माने तो कैल्सियम कार्बाइड (calcium carboid) में आर्सेनिक व फॉस्फोरस पाया जाता है। जब यह पानी के संपर्क में आता है तो इससे एसिटिलीन गैस निकलती है। जो कि कैंसर का कारण भी मानी जाती है। इसमें कैंसरकारी तत्व पाए जाते हैं। केमिकल युक्त फल और सब्जियां अगर आप लंबे समय तक इस्तेमाल करते हैं तो आपको सिरदर्द, चक्कर आना, दिमागी विकार, अत्यधिक नींद आना, मानसिक उलझन, याद्रदाश्त कम होना, दिमागी सूजन, मिर्गी आदि की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
कैसे करें पहचान
1 नेचुरल तरीके से पके केले की डंठल काली होती है, जबकि जिस केले को पकाने में केमिकल का उपयोग किया जाता है उसकी डंठल हरी होती है। 2 केमिकल से पके आम में हरे-हरे पैचेज दिखाई देंगे, जबकि प्राकृतिक तरीके से पके फल में ऐसा कुछ नहीं होगा।
3 केमिकल से पके आम में कम रस होगा, जबकि प्राकृतिक तरीके से पकाए आम में ज्यादा रस पाया जाता है।
4 जिस फल को पकाने में केमिकल का उपयोग किया जाता है वह बाहर से ज्यादा पका दिखाई देता है और अंदर से कच्चापन बना रहता है।
5 फलों को पानी में ंडाल कर रखें। अगर फल डूब जाते हैं तो वे प्राकृतिक रूप से पकाए गए हैं। अगर फल पानी में तैरते हैं तो उन्हें पकाने में केमिकल का उपयोग किया गया है।
6 फलों को छीलकर देखने पर अगर फल अंदर से कच्चा है तो संभव है उन्हें पकाने में केमिकल का उपयोग किया गया है।
7 फलां को गीले कपडे़े से रगड़ कर देखें अगर कपडे़ मे ंरंग आ जाता है तो उसमें मिलावटी रंग होने की संभावना है।